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Bhai Sa Saga Koi Nahi | Hindi Kavita | Kumar Mangalam

بواسطة Kumar Mangalam
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تم نشره في 2020/10/08

भाई सा सगा कोई नहीं रावण जब मृत्यु शैया पर अंतिम सांसे ले रहा था तब उसने श्रीराम से कहा, राम मैं तुमसे हर बात में श्रेष्ठ हूं, जाति मेरी ब्राह्मण है जो तुमसे श्रेष्ठ है, आयु में मैं तुमसे बड़ा हूं, मेरा कुटुंब तुम्हारे कुटुंब से बड़ा है, मेरा वैभव तुम से अधिक है, तुम्हारा महल स्वर्ण जड़ित है ,पर मेरी तो पूरी नगरी लंका ही स्वर्ण की है, मैं बल पराक्रम में तुमसे श्रेष्ठ हूं, मेरा राज्य तुम्हारे राज्य से बड़ा है, ज्ञान और तपस्या में तुमसे श्रेष्ठ हूं, इतने श्रेष्ठा होने के बाद भी मैं रणभूमि मैं तुमसे परास्त हो गया, सिर्फ इसलिए कि तुम्हारा भाई तुम्हारे साथ है और मेरा भाई मेरे खिलाफ, बिना भाई के अगर रावण हार सकता है तो हम किस घमंड में हैं, इससे हमें पता चलता है कि हमें हमेशा साथ रहना चाहिए, हमें यह ध्यान रखना चाहिए कि परिवार ना टूटे, किसी भी पेड़ के कटने का किस्सा ना होता अगर कुल्हाड़ी के पीछे लकड़ी का हिस्सा ना होता। #BhaiSeSagaKoiNahi #HindiKavita #KumarMangalam • Voice-over & Created by - Kumar Mangalam

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