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Renuka Devi aarti | Jay Jagdambe | Aarti (आरती) | Renuka Devi (रेणुका माता) Renuka Mata Aarti

بواسطة Aarti Bhajan Bhakti
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تم نشره في 2023/07/14

जय जय जगदंबे | श्री अंबे | रेणुके कल्पकदंबे | जय जय || धृ || अनुपम स्वरुपाची तुझी धाटी | अन्य नसे या सृष्टी | तुज सम रूप दुसरे, परमेष्टी | करिता झाला कष्टी | शशीरस रसरसला ,वदनपुटी | दिव्य सुलोचन दृष्टी | सुवर्ण रत्नांच्या, शिरी मुकुटी | लोपती रविशशी कोटी | गजमुखी तुज स्तविले हेरंबे | मंगल सकळारंभे || जय जय || १ || कुमकुम चिरी शोभे मळवटी | कस्तुरी टिळक लल्लाटी | नासिक अति सरळ, हनुवटी | रुचिरामृत रस ओठी | समान जणू लवल्या, धनुकोटी | आकर्ण लोचन भ्रुकुटी | शिरी नीट भांगवळी, उफराटी | कर्नाटकची घाटी | भुजंग नीळरंगा, परी शोभे | वेणी पाठीवर लोंबे || जय जय || २ ||

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