स्वर्गीय श्री रघबर खलीफा की याद में आया नगर का पहला इनामी दंगल !
रघबर खलीफा ने गुरु श्याम लाल जी के साथ कंधे से कन्धा मिलकर आया नगर अखाड़े की आधारशिला रखी। आस पास के गाँव देहात के बच्चों को पहलवान बनाया। गुरु श्यामलाल अखाड़े के खलीफा रघबर को कुश्ती से प्रेम था। उन्होंने आजीवन गुरु जी का साथ दिया , और गुरु जी स्वर्गवास के बाद भी वे अखाड़े में सुबह शाम आकर पहलवानो को अभ्यास कराते। अपने अंतिम दिनों में , जब वे पैर से लगभग अपंग हो गए थे , तब भी वे अखाड़े में आना नहीं भूले। वे अखाड़े की मिटटी के सच्चे भक्त थे। आज उनकी याद में दंगल कराकर , अखाड़े के संचालक व् गुरु श्यामलाल जी के पुत्र राजिंदर पहलवान व् ऋषि पहलवान , विशम्भर खलीफा , सिरी पहलवान , हरपाल पहलवान , श्रीपाल पहलवान , व् आया नगर के ग्रामवासियों ने उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि दी , और आया नगर गाँव में कुश्ती दंगल की एक नई परम्परा की शुरुआत भी की।
दंगल में मनीष , राजेश भाटी , राजेंदर पहलवान , अन्नी , मोहित , तस्लीम , रुहिल , दानिश , विक्की और अन्य पहलवानो की अच्छी कुश्तियाँ हुई।
दंगल में आये प्रकाश कुल्हीपुरिया , निशांत पहलवान , श्रीपाल , मुकुल ,पहलवान मोटा कोच , भूपेश कोच , हरपाल , राजिंदर , सिरी , विशम्भर , इत्यादि कोच व् गुरु खलीफाओं का पगड़ी पहना कर सम्मान किया गया।
गुरु श्यामलाल के पोते जीतू पहलवान , व् गुल्लू पहलवान जो क्षेत्र में स्टार पहलवान हैं , कुश्ती के क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धियों के लिए गुरु श्यामलाल दंगल कमिटी ने उनका भव्य स्वागत किया।
गुरु श्यामलाल अखाड़े में कुश्ती के प्रचार में मैंने अपना बहुत समय दिया है। इंटरनेट पर गुरु श्यामलाल अखाड़े की मेरी वीडियो को बहुत से फ़िल्मी निर्माताओं ने कॉपी भी किया। राजिंदर पहलवान ने आज दंगल में मेरा मान सम्मान किया तो मुझे भी बहुत अच्छा महसूस हुआ। राजिंदर पहलवान का दिल की गहराइयों से सम्मान करता हूँ।
Thanks,Pahalwan ji ( Deepak A.P.)